Fursat ke pal

Fursat ke pal

Sunday 3 March 2013

जो बोया 
जब उसे काटने का वक़्त आया 
तो वो हमको ही ना भाया 
यही नियति है 
समय चक्र बड़ा बलवान 
कथनी और करनी से पहले 
रखो शब्दों का ध्यान
आदर करो बड़ों का तो पाओगे आशीष 
प्यार करोगे छोटों को तो पाओगे सम्मान ....

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