Fursat ke pal

Fursat ke pal

Monday, 25 June 2012

चांदनी रात में नहाई हुई एक परी सी आती तुम मेरे ख्वाबों में 
आज चांदनी रात है , मेरे ख्वाबों में नहीं तुम हकीकत में आना 
कभी आकर चुपके से हौले से एक मीठा राग छेड़ जाती हो तुम 
आज बैठ साथ में मेरे , प्यार में डूबी पूरी ग़ज़ल ही सुनाना 
जब भी आती हो तुम पास मेरे छोड़ मुझको उदास कर जाती हो तुम 
इस बार आई तो फिर कभी छोड़ कर ना जाना ......ओ मेरी जाना 
सोते जागते बस तुम ही तुम हो ,चाहता हूँ उम्र भर मैं तेरा साथ निभाना 

______________अंजना चौहान ______________