दो हंसों का जोड़ा जब मधुर मिलन में खो जाता है
बेजुबानों का निश्छल प्रेम हमें मुहब्बत का पाठ पढाता है
न्योछावर करने को तन मन यह हमें ललचाता है
एक दूजे के लिए समर्पण यह हमें सिखलाता है
देख कर सुन्दर चित्र सलोना मन चंचल हो जाता है
साथ पीया का चाहूँ मैं भी अब इंतज़ार मुझे सताता है
जल्दी आ जाओ प्रियतम अब और रुका नहीं जाता है
विरह के बादल छंट आये यह मधुमास तुम्हें बुलाता है..
बेजुबानों का निश्छल प्रेम हमें मुहब्बत का पाठ पढाता है
न्योछावर करने को तन मन यह हमें ललचाता है
एक दूजे के लिए समर्पण यह हमें सिखलाता है
देख कर सुन्दर चित्र सलोना मन चंचल हो जाता है
साथ पीया का चाहूँ मैं भी अब इंतज़ार मुझे सताता है
जल्दी आ जाओ प्रियतम अब और रुका नहीं जाता है
विरह के बादल छंट आये यह मधुमास तुम्हें बुलाता है..
No comments:
Post a Comment