जो बोया
जब उसे काटने का वक़्त आया
तो वो हमको ही ना भाया
यही नियति है
समय चक्र बड़ा बलवान
कथनी और करनी से पहले
रखो शब्दों का ध्यान
आदर करो बड़ों का तो पाओगे आशीष
प्यार करोगे छोटों को तो पाओगे सम्मान ....
जब उसे काटने का वक़्त आया
तो वो हमको ही ना भाया
यही नियति है
समय चक्र बड़ा बलवान
कथनी और करनी से पहले
रखो शब्दों का ध्यान
आदर करो बड़ों का तो पाओगे आशीष
प्यार करोगे छोटों को तो पाओगे सम्मान ....
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