जिस तरह पत्थर पर टपक टपक कर
एक बूँद अपने निशाँ दर्ज कर देती है
ठीक उस तरह ही हर हवा का झोंका
मुझे खींच लेता है , गुजरे ज़माने में
सच कितने हसीं हुआ करते थे वो दिन
जब होती थी मेरी दुनिया तुमसे रौशन
सन्नाटों को चीर कर आज भी सुनाई दे जाती है मुझे
तुम्हारी खिलखिलाती हंसी
और अनायास ही हंस पड़ता हूँ मैं भी तुम संग
तुम्हारी चंचलता भरी मीठी आवाज
बरबस ही घुल गयी कानो में मिश्री सी
एक अक्स बस गया नैनों में सदा के लिए
गुजर जाते हैं तनहा पल तुम्हारे साथ
तुम्हें याद करते करते
तुम्हारे साथ हँसते मुस्कराते
कभी तुमसे बात करते करते ..
एक बूँद अपने निशाँ दर्ज कर देती है
ठीक उस तरह ही हर हवा का झोंका
मुझे खींच लेता है , गुजरे ज़माने में
सच कितने हसीं हुआ करते थे वो दिन
जब होती थी मेरी दुनिया तुमसे रौशन
सन्नाटों को चीर कर आज भी सुनाई दे जाती है मुझे
तुम्हारी खिलखिलाती हंसी
और अनायास ही हंस पड़ता हूँ मैं भी तुम संग
तुम्हारी चंचलता भरी मीठी आवाज
बरबस ही घुल गयी कानो में मिश्री सी
एक अक्स बस गया नैनों में सदा के लिए
गुजर जाते हैं तनहा पल तुम्हारे साथ
तुम्हें याद करते करते
तुम्हारे साथ हँसते मुस्कराते
कभी तुमसे बात करते करते ..
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