Fursat ke pal

Fursat ke pal

Tuesday, 15 May 2012


जिंदगी का कोई लम्हा बड़ा हसीं होता है .....
जब जब भी याद आता है फिर से सजीव हो जाता है  ....
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वो दोस्तों की दोस्ती
वो बचपन की मस्ती
वो शोरगुल वो अल्हडपन
हाँ वही लम्हा
न चिंताओं का साथ
ना ही  परेशानी
याद जब भी आता है
फिर से उसी बचपन में लौटने को ललचाता है
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वो उनका पहली बार मिलना
वो रूठना शर्माना
कभी खिलखिला के हसना
कभी गुस्से से झिडकना
हाँ वही लम्हा
मैं उनसे मिलने को दीवाना
दिल फिर से जवां होना चाहता है
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वो बेबसी का आलम
उनसे मिलने का बहाना
वो उसके घर की शहनाई
मेरा बारात लेकर जाना
हाँ वही लम्हा
मेरा कनखियों से उसको दुल्हन के लिबास में देखना
फिर से उसी शहनाई की याद दिलाता है
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वो मेरी बेकरारी
वो उनके पाँव भारीवो
कब गूंजेगी किलकारी
कब आएगी नन्ही प्यारी
हाँ वही लम्हा
उसका नाजुक स्पर्श और मेरा गोद में उठाना
फिर से मुझे बच्चा होने का अहसास कराता है
जिंदगी का कोई कोई लम्हा बड़ा हसीं होता है
याद जब भी आता है फिर सजीव होता है
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anjana chauhan

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