Fursat ke pal

Fursat ke pal

Monday, 21 May 2012


तुम आये मेरे जीवन में नव चेतना का संचार हुआ 
हाँ मैं तुमसे कह सकती हूँ मुझको तुमसे प्यार हुआ 
ये मन हिलोरे लेता है भावनाओं में मैं बह सी चली 
खिल रही है डाली डाली मन उपवन की कली कली
मन भौरा सा भ्रमित हुआ जाता है तेरा प्यार पाकर 
ना जी पाउंगी जिंदगी अकेले मैं प्रिये तुझे अब खोकर 

_____________अंजना चौहान ____________

2 comments:

  1. Anjana ji, bahut sunder shabd chayan, geetnuma abhivyakti or behad sunder bhaav.Badhai apko.

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