तुम आये मेरे जीवन में नव चेतना का संचार हुआ
हाँ मैं तुमसे कह सकती हूँ मुझको तुमसे प्यार हुआ
ये मन हिलोरे लेता है भावनाओं में मैं बह सी चली
खिल रही है डाली डाली मन उपवन की कली कली
मन भौरा सा भ्रमित हुआ जाता है तेरा प्यार पाकर
ना जी पाउंगी जिंदगी अकेले मैं प्रिये तुझे अब खोकर
_____________अंजना चौहान ____________
Anjana ji, bahut sunder shabd chayan, geetnuma abhivyakti or behad sunder bhaav.Badhai apko.
ReplyDeletedhanyavaad guru ji
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