Fursat ke pal

Fursat ke pal

Wednesday, 9 May 2012

आज जी भर खेलने को जी चाहता है
आज फिर से बच्चा बनने को जी चाहता है
माँ की गोद में सो जाने को जी चाहता है
माँ के आँचल की छाँव पाने को जी चाहता है
माँ की लोरी सुनने को जी चाहता है
माँ के हाथ से खाने को जी चाहता है
फिर से तुतलाती बोली कहने को जी चाहता है
कुछ हंसी ठिठोली करने को जी चाहता है

____________अंजना चौहान _______

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