जिधर भी देखूं
बस तुम ही तुम
नज़र आते हो
मेरी हर फिजा में
तुम चुपके से
आकर बस जाते हो
मेरी साँसों में तुम
गहरे समाये हो
रूह का रिश्ता ही
कुछ ऐसा बना
तुम अब दो जिस्म
एक जान बन आए हो
हर जनम में मैं
बस तेरा साथ
यूँ ही चाहती हूँ
जैसे अपनाया इस
जन्म में, हर जन्म में
बस तुझको ही
पाना चाहती हूँ .
बस तुम ही तुम
नज़र आते हो
मेरी हर फिजा में
तुम चुपके से
आकर बस जाते हो
मेरी साँसों में तुम
गहरे समाये हो
रूह का रिश्ता ही
कुछ ऐसा बना
तुम अब दो जिस्म
एक जान बन आए हो
हर जनम में मैं
बस तेरा साथ
यूँ ही चाहती हूँ
जैसे अपनाया इस
जन्म में, हर जन्म में
बस तुझको ही
पाना चाहती हूँ .
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