मुझे मुर्दों से डर नहीं लगता मैं शमशान का रखवाला हूँ
मुझे आग से डर नहीं लगता मैं रोज मुर्दों को आग के हवाले करने वाला हूँ
मुझे आग से डर नहीं लगता मैं रोज मुर्दों को आग के हवाले करने वाला हूँ
हड्डियों के बुतों को देख मैं कैसे डर सकता हूँ जब ,
मैं रोज हड्डिया चुनवाने वाला हूँ
इंसान इस संसार में रोते हुए जन्म लेता है ,
लेकिन जब जाता है सबको रुला जाता है
ये दुनियाँ कभी जज्बाती तो कभी मतलबी होती है बहुत
जज़्बात क्या होते हैं यह मैं जान कर भी जानना नहीं चाहता
क्योंकि कितने ही लोगों को मैंने यहाँ जलते देखा
जलते वक़्त उनके रिश्तेदारों को बिलखते देखा, किन्तु
शरीर जलकर राख भी न हो पाए, मैंने उनको आपस में झगड़ते भी यहीं देखा है
अगर जज्बात ऐसे होते हैं..........तो नहीं चाहिए
अगर रिश्तेदार ऐसे होते हैं .......तो नहीं चाहिए
मैं खुश हूँ अपनी जगह अपने काम से
कम से कम कुछ तो अच्छा काम करता हूँ
शरीर की इस मोह माया को ख़त्म करवाता हूँ
मैं शमशान का पहरेदार हूँ ......... मैं मुर्दों को जलवाता हूँ
मैं रोज हड्डिया चुनवाने वाला हूँ
इंसान इस संसार में रोते हुए जन्म लेता है ,
लेकिन जब जाता है सबको रुला जाता है
ये दुनियाँ कभी जज्बाती तो कभी मतलबी होती है बहुत
जज़्बात क्या होते हैं यह मैं जान कर भी जानना नहीं चाहता
क्योंकि कितने ही लोगों को मैंने यहाँ जलते देखा
जलते वक़्त उनके रिश्तेदारों को बिलखते देखा, किन्तु
शरीर जलकर राख भी न हो पाए, मैंने उनको आपस में झगड़ते भी यहीं देखा है
अगर जज्बात ऐसे होते हैं..........तो नहीं चाहिए
अगर रिश्तेदार ऐसे होते हैं .......तो नहीं चाहिए
मैं खुश हूँ अपनी जगह अपने काम से
कम से कम कुछ तो अच्छा काम करता हूँ
शरीर की इस मोह माया को ख़त्म करवाता हूँ
मैं शमशान का पहरेदार हूँ ......... मैं मुर्दों को जलवाता हूँ
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