Fursat ke pal

Fursat ke pal

Saturday, 27 October 2012

बरसात की बूंदों संग
वो ओस की बूंदों सी
है नादान ये मतवाली है
मनभावन सी इसकी
हर अदा ही निराली है
ये मासूम ये अल्ल्हड़
ये कली बड़ी मतवाली है

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