इस मखमली कोमल नाज़ुक तन को फूलों के गहने पहना दो
फूलो की भीनी खुशबू से तुम मेरे तन को महका दो
पक्षियों के कलरव से तुम इस गुलशन को गुंजा दो
तारो की चमकती ओढनी से तुम मेरा आँचल बना दो
तुम हो चंदा मै हूँ चांदनी तुम दोनों का अभिसार करा दो
अपने तन का एक स्पर्श तुम मेरे तन को कर दो
उगते सूरज की इस लाली से तुम मेरी मांग सजा दो
तड़पे है ये मन आ मेरा सजन आ मुझको दुल्हन बना दो
पक्षियों के कलरव से तुम इस गुलशन को गुंजा दो
तारो की चमकती ओढनी से तुम मेरा आँचल बना दो
तुम हो चंदा मै हूँ चांदनी तुम दोनों का अभिसार करा दो
अपने तन का एक स्पर्श तुम मेरे तन को कर दो
उगते सूरज की इस लाली से तुम मेरी मांग सजा दो
तड़पे है ये मन आ मेरा सजन आ मुझको दुल्हन बना दो
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