Fursat ke pal

Fursat ke pal

Saturday, 27 October 2012


रची है मेहँदी हाथों में
सौंधी सौंधी खुशबू आई
धूम हुई है घर में मेरे
मन में सबके हरियाली छाई
पिया मोरे आने को हैं
एक बंधन में बंध जाने को हैं
नया उजियारा होने को है
जीवन में नयी उमंगें छा जाने को हैं
सपने पूरे हो जाने को हैं
नया घरोंदा बस जाने को है ................अंजना चौहान

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