Fursat ke pal

Fursat ke pal

Saturday, 27 October 2012


मैंने किया तुमको बहुत ही मिस
एक लगती है काजू तो दूजी किसमिस
एक के साथ मिस किया पिक्चर जाना
तो एक के साथ मिस किया उन्धिया खाना
एक के तो शोक ही निराले है
हर तरह के किरदार हमने अपनी दोस्ती में पाले है
एक के साथ खूब कहकहे लगाये हैं
तो दूजी के साथ शायरी के मज़े उड़ाए हैं
सबको अपने साथ खूब ही घुमाया है
किट्टी में जा कर चाट पकोड़ी भी खूब जम कर खाया है
आज हम सबसे दूर है तो क्या फेस बुक पर तो रोज मिल जाते हैं
अपने सब दोस्त हमने याद बहुत आते हैं
कभी अकेले में भी जम कर हसाते हैं तो
कभी तन्हाई में बहुत रुलाते हैं
हमने अपने दोस्त बहुत किस्मित से पाए हैं
और जम कर दोस्तों संग मजे उडाए हैं
हम चाहते हैं सबको प्यारे प्यारे दोस्त मिल जाएँ
और सब दोस्ती के जम कर मज़े उड़ायें

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