क्या तुम भी ना ..........
हर वक्त बैठ खिड़की में चाँद को देखा करते हो
बस सिर्फ मेरा दीदार करो ....मैं तो हर पल तुम्हारे करीब हूँ
चाँद का क्या ये तो खेल खेलता है आँख मिचोली का
हर सुबह के आते ही ये चला जाता है
हर वक्त बैठ खिड़की में चाँद को देखा करते हो
बस सिर्फ मेरा दीदार करो ....मैं तो हर पल तुम्हारे करीब हूँ
चाँद का क्या ये तो खेल खेलता है आँख मिचोली का
हर सुबह के आते ही ये चला जाता है
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