भावनाए क्या होती हैं ??
क्या तुमने ये जाना है ??
मेरी भावनाएं तुम्हारे लिए
क्या तुमने उन्हें पहचाना है ??
मेरे वो अहसास अपनेपन के
क्या तुमने ये जाना है ??
मेरी भावनाएं तुम्हारे लिए
क्या तुमने उन्हें पहचाना है ??
मेरे वो अहसास अपनेपन के
तुम्हारे लिए ..मेरा लगाव
तुम्हारी एक झलक पाने को
मेरा तड़प उठना ....सब मेरी
भावनाए ही तो उजागर करती है
मैं दिल खोल कर तुमसे बातें करती हूँ
और तुम हमेशा कुछ सिमटे से रहते हो
मैं खिलखिलाकर तुम्हारे साथ हंसती हूँ
और तुम मुस्कराने में भी कंजूसी करते हो
मेरी भावनाओं से तुम अनजान नहीं
मुझे ...यह भी अहसास है ...किन्तु
तुम्हारे अंदर चल रही उथल पुथल से
मैं भी अछूती नहीं हूँ .........फिर.....
तुम कब मुझे दिल से अपना मानोगे ??
बस ...इंतज़ार है ..तो सिर्फ इसी बात का
मैं तुझमें हूँ और तुम मुझमें हो
बस इंतज़ार है..तो सिर्फ इसी अहसास का
तुम्हारी एक झलक पाने को
मेरा तड़प उठना ....सब मेरी
भावनाए ही तो उजागर करती है
मैं दिल खोल कर तुमसे बातें करती हूँ
और तुम हमेशा कुछ सिमटे से रहते हो
मैं खिलखिलाकर तुम्हारे साथ हंसती हूँ
और तुम मुस्कराने में भी कंजूसी करते हो
मेरी भावनाओं से तुम अनजान नहीं
मुझे ...यह भी अहसास है ...किन्तु
तुम्हारे अंदर चल रही उथल पुथल से
मैं भी अछूती नहीं हूँ .........फिर.....
तुम कब मुझे दिल से अपना मानोगे ??
बस ...इंतज़ार है ..तो सिर्फ इसी बात का
मैं तुझमें हूँ और तुम मुझमें हो
बस इंतज़ार है..तो सिर्फ इसी अहसास का
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