वो शाम ढले जब तुम मेरी छत पर मिलने आते थे
अपनी उँगलियों से हौले हौले जब तुम मेरे बालों को सहलाते थे
कैसे हँसते हँसते यूँ ही हम हर शाम बिताया करते थे
आने वाली हर शाम को हम अपने हसीं सपनो से सजाया करते थे
तारीफें तुम्हारे करने से मैं हल्का सा शर्माती थी
अपनी उँगलियों से हौले हौले जब तुम मेरे बालों को सहलाते थे
कैसे हँसते हँसते यूँ ही हम हर शाम बिताया करते थे
आने वाली हर शाम को हम अपने हसीं सपनो से सजाया करते थे
तारीफें तुम्हारे करने से मैं हल्का सा शर्माती थी
तुम्हारे मीठे बोलों को मैं बस सुनती ही जाती थी
उड़न छू हो जाते हैं सुहाने पल , तो याद उन्हीं की सताती है
जल्दी से आ जाओ प्रियतम मेरे , मेरी धड़कन तुझे बुलाती है
उड़न छू हो जाते हैं सुहाने पल , तो याद उन्हीं की सताती है
जल्दी से आ जाओ प्रियतम मेरे , मेरी धड़कन तुझे बुलाती है
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