यह है हमारा किसान
न होगा कोई इससा महान
अन्नदाता है यह हम सबका
फिर भीनहीं मिलता इसको सम्मान
यह है हमारा किसान
दिन और रात मेहनत यह करता
माटी संग इसका गहरा नाता है
खून पसीना अपना बहा कर यह
हम लोगों के लिए अन्न जुटाता है
यह है हमारा किसान
क्यों हो जाता मजबूर फिर
दयनीय दशा में रहने को
क्यों कर्ज के बोझ तले दब
आत्महत्या का कदम उठाने को
हमारा अन्नदाता हमारा किसान
खुद भूखे पेट सो जाने को
ऐसा नहीं की नीतियाँ नहीं है
कुछ ठन्डे बस्ते में बंद हो जाती हैं
जो होती कुछ कारगर वो
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं
ये भोला भला सीधा साधा
सरकारी नीतियों से अन्जान
यह है हमारा अन्नदाता
यह है हमारा किसान
कभी झेलता सूखे की मार यह
कभी बारिश कहर ढा जाती है
बची कुची रह जाए कसार तो
सर्दी में पाले की मार पड़ जाती है
कुदरत की मार भी देखो कैसे
गरीब पर ही जुल्म ढाती है
जो फसल तैयार करता हमारे लिए
उसकी खुद की रोटी छिन जाती है
खुद रह कर फटेहाल यह
फसलों को मेहनत से सींचता है
यह है हमारा किसान
ना होगा कोई इससा महान
न होगा कोई इससा महान
अन्नदाता है यह हम सबका
फिर भीनहीं मिलता इसको सम्मान
यह है हमारा किसान
दिन और रात मेहनत यह करता
माटी संग इसका गहरा नाता है
खून पसीना अपना बहा कर यह
हम लोगों के लिए अन्न जुटाता है
यह है हमारा किसान
क्यों हो जाता मजबूर फिर
दयनीय दशा में रहने को
क्यों कर्ज के बोझ तले दब
आत्महत्या का कदम उठाने को
हमारा अन्नदाता हमारा किसान
खुद भूखे पेट सो जाने को
ऐसा नहीं की नीतियाँ नहीं है
कुछ ठन्डे बस्ते में बंद हो जाती हैं
जो होती कुछ कारगर वो
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं
ये भोला भला सीधा साधा
सरकारी नीतियों से अन्जान
यह है हमारा अन्नदाता
यह है हमारा किसान
कभी झेलता सूखे की मार यह
कभी बारिश कहर ढा जाती है
बची कुची रह जाए कसार तो
सर्दी में पाले की मार पड़ जाती है
कुदरत की मार भी देखो कैसे
गरीब पर ही जुल्म ढाती है
जो फसल तैयार करता हमारे लिए
उसकी खुद की रोटी छिन जाती है
खुद रह कर फटेहाल यह
फसलों को मेहनत से सींचता है
यह है हमारा किसान
ना होगा कोई इससा महान
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